बेंगलुरु: दक्षिण बेंगलुरु के कान्वा डैम इलाके में एक ‘आत्महत्या’ की कहानी तब टूट गई जब पुलिस की पैनी निगाह ने वो देखा जो कोई और नहीं देख सका—जहर की बोतल के पास ढक्कन नहीं था, और मृतक के एक पैर में ही चप्पल थी। इन छोटी-छोटी लेकिन अहम बातों ने एक आत्महत्या के शक को खतरनाक साजिश में बदल दिया।
मृतक की पहचान 45 वर्षीय लोकेश कुमार के रूप में हुई, जो कृष्णपुराडोड्डी के निवासी और मक्कली ग्राम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष थे। उनकी दो चिकन दुकानें थीं, एक चन्नपटना में और दूसरी सुंकदकट्टे में। उनकी पत्नी चंद्रकला वर्तमान में पंचायत सदस्य हैं।
‘सुसाइड सीन’ की स्क्रिप्ट गड़बड़
23 जून की रात लोकेश का शव कान्वा डैम के पास मिला। पास ही उनकी कार खड़ी थी और ज़हर की खाली बोतल भी मिली। चंद्रकला ने मौके पर आकर रो-रोकर खुद को बेसुध कर लिया, और अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया के सामने भी फूट-फूटकर रोईं।
मामला आत्महत्या मानकर बंद ही होने वाला था, लेकिन पुलिस निरीक्षक बीके प्रकाश और उपनिरीक्षक सहाना पाटिल ने ध्यान दिया कि बोतल के पास ढक्कन नहीं था। फिर डीएसपी केसी गिरी ने सवाल उठाया: “कोई आत्महत्या करेगा तो एक चप्पल में क्यों रहेगा?”
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बढ़ाया शक
जब चन्नपटना सरकारी अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, तो उसमें ज़हर को मौत का कारण बताया गया लेकिन डॉक्टरों ने यह भी कहा कि ज़हर पेट की बजाय छाती में ज्यादा मात्रा में मिला, जिससे जबरन पिलाने का शक हुआ। पुलिस ने पुष्टि के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया, जिसमें वही तथ्य सामने आए।
परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
इसी दौरान लोकेश के परिवार ने पुलिस को बताया कि चंद्रकला का किसी से अफेयर चल रहा था, जिसकी जानकारी हाल ही में लोकेश को लगी थी। पुलिस ने चंद्रकला के कॉल डिटेल्स की जांच की और पाया कि वह लगातार बेंगलुरु जीपीओ में काम करने वाले योगेश नामक व्यक्ति के संपर्क में थी। लोकेशन डेटा से पता चला कि योगेश की मौजूदगी उसी रात कान्वा डैम के पास थी।
गिरफ्तारी और कबूलनामा
पुलिस ने जब चंद्रकला और योगेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस के मुताबिक, चंद्रकला और योगेश ने लोकेश को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी ताकि उनका रिश्ता उजागर न हो।
23 जून की रात जब लोकेश अपनी दुकान से निकले, तब चंद्रकला ने योगेश को खबर दी। योगेश तीन अन्य लोगों—शांताराजू, सी आनंद उर्फ सूर्या, जी शिवा उर्फ शिवलिंगा और आर चंदन कुमार—के साथ काले रंग की कार में लोकेश का पीछा करने लगे। उन्होंने लोकेश की गाड़ी को टक्कर मारी, और जब वह नीचे उतरे, तो उन्हें कार में खींचकर ज़बरदस्ती ज़हर पिलाया गया। बाद में शव को कुछ दूर गाड़ी से निकालकर ज़मीन पर रखा गया, और पास में ज़हर की खाली बोतल रख दी गई।
एक चप्पल और बोतल का ढक्कन बना सबूत
पुलिस के अनुसार, “बोतल का ढक्कन पास नहीं था क्योंकि ज़हर पिलाते वक्त उसे कार के पास फेंक दिया गया था। वहीं, एक चप्पल शव को खींचते वक्त गिर गई और आरोपियों ने उसे उठाना भूल गए।”
छह आरोपी गिरफ्तार
चंद्रकला, योगेश और उनके चार साथी—शांताराजू, आनंद, शिवा और चंदन कुमार—को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अब केस को मजबूत बनाने के लिए चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।