भरतपुर (राजस्थान) — राजस्थान के भरतपुर जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की शिकायत लेकर जिला कलेक्टर का दरवाजा खटखटाया है। पति का आरोप है कि उसने दिन-रात मजदूरी कर पत्नी को पढ़ाया, बीएसटीसी कराई, कोचिंग दिलाई और शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करवाने में मदद की। लेकिन जब पत्नी की सरकारी नौकरी लग गई, तो उसने उसके साथ रहने से साफ इनकार कर दिया।
यह मामला भरतपुर की भुसावर तहसील के सलेमपुर खुर्द गांव निवासी अनूप कुमार का है। अनूप की शादी 14 नवंबर 2021 को नगला हवेली गांव की पंकज कुमारी से हुई थी। अनूप का कहना है कि विवाह के बाद उसकी पत्नी ने सरकारी स्कूल में नौकरी पाने की इच्छा जताई। उसने पत्नी के इस सपने को साकार करने के लिए मेहनत-मजदूरी कर उसे पढ़ाया-लिखाया और कोचिंग भी दिलवाई।
अनूप कुमार ने बताया,
“मैंने उसे शहर में किराए के कमरे में रखकर कोचिंग कराई, खाने-पीने और पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। उसने बीएसटीसी 2021 में की और फिर प्रथम लेवल शिक्षक परीक्षा 2023 में पास कर सरकारी स्कूल टीचर बन गई। लेकिन अब उसने मेरे साथ रहने से मना कर दिया है क्योंकि वह सरकारी नौकरी में है और मैं बेरोजगार हूं।”
पीड़ित पति ने आरोप लगाया कि पत्नी की नौकरी लगते ही उसका व्यवहार बदलने लगा। वह ससुराल में सास-ससुर से झगड़ा करने लगी और अंततः मई 2025 में उसने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया।
अनूप के पिता मोतीलाल ने भी बेटे की बात का समर्थन करते हुए बताया,
“मेरे बेटे ने मजदूरी कर अपनी पत्नी को पढ़ाया और मैंनें भी अपनी फसल बेचकर रुपये दिए ताकि वह पढ़ सके। अब जब वह सरकारी नौकरी में लग गई है, तो हमारे बेटे को छोड़ दिया है।”
अब अनूप कुमार जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है और चाहता है कि उसकी मेहनत और विवाहिक अधिकारों की अनदेखी न हो।