अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद इसे अगले 24 घंटों में और बढ़ाने की धमकी दी है। उन्होंने भारत को “अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं” बताते हुए कहा कि भारत दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ लगाता है, जिससे अमेरिका को नुकसान हो रहा है।
ट्रंप ने यह बयान मंगलवार को CNBC को दिए टेलीफोनिक इंटरव्यू में दिया। उन्होंने कहा, “भारत अमेरिका से बहुत ज्यादा व्यापार करता है, लेकिन हमें उससे कोई खास लाभ नहीं होता। इसलिए हमने 25% टैरिफ का फैसला किया है, जो 7 अगस्त से लागू होगा। लेकिन हम इसे और भी कड़ा करने जा रहे हैं।”
भारत ने दिया स्पष्ट और सार्वजनिक जवाब
ट्रंप की धमकी के बाद भारत ने पहली बार खुलकर अमेरिका को जवाब दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत को निशाना बनाना गलत है। हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा, “अब एकध्रुवीय दुनिया की व्यवस्था नहीं चलेगी। भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा।”
भारत ने अमेरिका और यूरोप की कथनी-करनी में अंतर को उजागर किया
भारत ने आंकड़ों के जरिए यह दिखाया कि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन खुद भी रूस से बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार:
- अमेरिका 2024 में रूस से 3 अरब डॉलर का आयात कर चुका है। इस साल के पहले 5 महीनों में ही यह आंकड़ा 2.09 अरब डॉलर पहुंच चुका है।
- यूरोपीय यूनियन ने 2024 में रूस से 72.9 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार किया और 1.65 करोड़ टन एलएनजी आयात की।
- अमेरिका अपनी न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और EV इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम मंगा रहा है।
भारत ने कहा कि जब खुद अमेरिका और EU रूस से व्यापार कर रहे हैं, तो केवल भारत को निशाना बनाना ‘अनुचित और तर्कहीन’ है।
ट्रंप का आरोप: भारत रूस को युद्ध के लिए आर्थिक मदद दे रहा
ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे लाभ में बेच रहा है और रूस की वॉर मशीन को अप्रत्यक्ष रूप से ईंधन दे रहा है। उन्होंने कहा, “भारत को फर्क नहीं पड़ता कि रूस के हमले में कितने लोग मारे जा रहे हैं। मैं भारत पर टैरिफ बढ़ाऊंगा।”
रूस की प्रतिक्रिया: अमेरिका नव-उपनिवेशवादी रवैया अपना रहा
रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह विकासशील देशों पर आर्थिक दबाव डालकर अपनी शर्तें मनवाना चाहता है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, “अमेरिका राजनीतिक कारणों से टैरिफ और आर्थिक पाबंदियां लगा रहा है, लेकिन इतिहास की दिशा नहीं बदली जा सकती।”
ट्रंप के सलाहकार ने भी भारत पर लगाए आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार स्टीफन मिलर ने फॉक्स न्यूज पर कहा, “भारत अमेरिका का करीबी होने का दावा करता है लेकिन हमारी इमिग्रेशन पॉलिसी का गलत फायदा उठाता है और अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब रूस का बड़ा ग्राहक बन गया है, जैसे चीन।
भारत से बढ़ता अमेरिकी तेल आयात
गौर करने वाली बात यह है कि अप्रैल-जून 2025 तिमाही में भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद 114% तक बढ़ा दी है। यह ट्रंप द्वारा टैरिफ घोषित करने के बाद हुआ।
भारत ने दवाओं की कीमतें घटाईं
इस बीच, भारत की नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 37 जरूरी दवाओं की कीमतों में 10-15% तक कटौती की है। इनमें पेरासिटामॉल, एटोरवास्टेटिन और एमोक्सिसिलिन शामिल हैं।
ट्रंप ने 92 देशों पर लगाया टैरिफ, भारत को 7 दिन की मोहलत
ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ को 7 अगस्त तक टाल दिया है, जो आज से लागू होना था। पाकिस्तान पर 19% और कनाडा पर 35% टैरिफ तुरंत लागू कर दिया गया है।
हालांकि भारत ने रूस से तेल की खरीद में कमी की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय तेल कंपनियों ने हाल के दिनों में रूस से तेल नहीं खरीदा, क्योंकि छूट कम हो गई है और शिपिंग में दिक्कतें बढ़ रही हैं।