प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को भारत-यूके के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत का सबसे व्यापक व्यापारिक करार और ब्रेग्ज़िट के बाद यूके का सबसे बड़ा आर्थिक समझौता माना जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच अरबों की व्यापार और निवेश संभावनाएं खुलेंगी।
यह ऐतिहासिक करार पीएम मोदी की दो देशों की यात्रा के पहले चरण में लंदन में हुआ। समझौते से पहले दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक लंदन के ऐतिहासिक हॉट्री रूम में हुई, जहां उन्होंने व्यक्तिगत मुलाकात कर समझौते के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दी।
समझौते की प्रमुख बातें:
- भारतीय निर्यात के 99% हिस्से पर टैरिफ समाप्त, जिनमें वस्त्र, चमड़ा, जूते, रत्न और आभूषण शामिल हैं।
- कृषि उत्पादों के 95% और समुद्री उत्पादों के 99% पर शून्य शुल्क, जिससे किसानों और मछुआरों को मिलेगा सीधा फायदा।
- ब्रिटेन से व्हिस्की, कार और मेडिकल उपकरण जैसे उत्पादों को भारत में मिलेगा बेहतर बाजार, और कीमतें होंगी किफायती।
- ब्रिटिश हाई कमीशन के अनुसार, इससे द्विपक्षीय व्यापार में हर साल £25.5 बिलियन की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“आज हमारे संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। वर्षों की मेहनत के बाद, आज हमारे दो देशों ने एक व्यापक आर्थिक और व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता विशेष रूप से भारतीय युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई क्षेत्र को लाभ देगा।”
उन्होंने कहा कि अब भारतीय उत्पादों को यूके में बेहतर पहुंच मिलेगी और ब्रिटेन में बने मेडिकल डिवाइसेज जैसे उत्पाद भारत में सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह करार किसानों और मछुआरों के लिए “बड़ी जीत” है।
“यह समझौता समुद्री उत्पादों के 99% और कृषि उत्पादों के 95% पर शुल्क मुक्त निर्यात की सुविधा देगा, जिससे ग्रामीण आय में वृद्धि होगी।”
वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इसे अपनी सरकार की आर्थिक नीति की “रीढ़” करार दिया।
“यह यूरोपीय संघ से बाहर आने के बाद यूके का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण समझौता है। यह रोजगार, निवेश और विकास को बढ़ावा देगा, लोगों की आमदनी बढ़ाएगा और व्यापार को सस्ता, तेज और आसान बनाएगा।”
स्टार्मर ने X पर पोस्ट कर कहा,
“भारत के साथ यह ऐतिहासिक समझौता ब्रिटेन में नौकरियों, निवेश और विकास के नए अवसर खोलेगा।”
वर्षों से रुकी हुई बातचीत को मिला मुकाम
भारत-यूके FTA की औपचारिक बातचीत 2022 में शुरू हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दिवाली 2022 तक समझौता पूरा करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और चुनावों के चलते 13 दौर की बातचीत के बावजूद करार नहीं हो पाया।
2024 में भारत और यूके में आम चुनाव हुए। पीएम मोदी के पुनः निर्वाचित होने और कीर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद बातचीत में तेजी आई और अब यह समझौता साकार हो गया।