गुरुग्राम में अब मकान बनाना सिर्फ प्लानिंग या इंजीनियरिंग का काम नहीं रह गया है, अब इसमें पड़ोसियों से सौदेबाजी भी जुड़ गई है। हरियाणा सरकार की नई स्टिल्ट +4 पॉलिसी के तहत लोग चार मंजिल तक मकान बना सकते हैं, लेकिन चौथी मंजिल के लिए पड़ोसी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना जरूरी हो गया है।
यही से असली दिक्कत शुरू हो रही है। हाल ही में इनवेस्टमेंट बैंकर सार्थक आहूजा ने लिंक्डइन पर शेयर किया कि अब गुरुग्राम में लोग NOC देने के बदले 40 लाख रुपये तक की मांग कर रहे हैं। वजह ये है कि चौथी मंजिल बनने से प्रॉपर्टी की कीमत करीब 4 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, और पड़ोसी इसमें अपना करीब 10% हिस्सा मांग रहे हैं।
अगर कोई पड़ोसी NOC देने से इनकार कर दे, तो मकान मालिक को 1.8 मीटर का सेटबैक छोड़ना पड़ता है, जिससे पूरी जमीन का इस्तेमाल नहीं हो पाता और नुकसान हो सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि ये नीति मकानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए लाई गई है, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि इससे पड़ोस में रिश्तों की जगह अब लेन-देन की सोच आ गई है।
कानूनी जानकारों के मुताबिक, ऐसे पेमेंट पर कोई रोक नहीं है, लेकिन नैतिक रूप से इसे लेकर बहस चल रही है कि क्या सिर्फ एक साइन के लिए लाखों रुपये वसूलना ठीक है?
गुरुग्राम में अब अगर आप मकान बनाने का सोच रहे हैं, तो सिर्फ नक्शा पास कराना और बजट बनाना काफी नहीं — आपको ये भी देखना होगा कि पड़ोसी से रिश्ते कैसे हैं, क्योंकि बिना उनके साइन के आपका घर अधूरा रह सकता है।