बेंगलुरु – आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत के बाद 4 जुलाई को आयोजित विजय जुलूस में हुई भगदड़ की जांच कर रहे जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा आयोग ने चिन्नास्वामी स्टेडियम को बड़े पैमाने पर आयोजनों के लिए “असुरक्षित और अनुपयुक्त” करार दिया है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।
आयोग की रिपोर्ट, जिसे ESPNcricinfo ने उजागर किया है, में कहा गया है कि 1974 में बने इस स्टेडियम की संरचना और डिजाइन बड़े जनसमूहों की भीड़ के लिए उपयुक्त नहीं है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यहां इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन जनसुरक्षा, ट्रैफिक और आपात सेवाओं के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
आयोजकों पर ठहराई गई जिम्मेदारी
आयोग ने इस त्रासदी के लिए RCB, उसके इवेंट पार्टनर डीएनए एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को दोषी ठहराया है। रिपोर्ट में इन संस्थाओं पर “लापरवाही से आयोजित कार्यक्रम” का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि भविष्य में इस तरह के बड़े आयोजनों को केवल उन स्थानों पर आयोजित किया जाना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करते हों।
आगामी मैचों पर संकट
रिपोर्ट के बाद अब चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले आगामी अंतरराष्ट्रीय मैचों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इसी मैदान पर 30 सितंबर से 2 नवंबर के बीच महिला वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप का उद्घाटन मुकाबला और एक सेमीफाइनल खेला जाना प्रस्तावित है। अब इन मैचों के आयोजन को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
KSCA ने अपने आगामी महाराजा ट्रॉफी टी20 लीग (11 अगस्त से शुरू) को बिना दर्शकों के आयोजित करने का फैसला लिया है।
सुरक्षा के बुनियादी प्रबंधों की कमी
आयोग ने रिपोर्ट में यह भी बताया कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में कई बुनियादी सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है, जिनमें शामिल हैं:
- उचित कतारबंदी और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था
- पर्याप्त प्रवेश और निकास द्वार
- सार्वजनिक परिवहन से आसान पहुंच
- वैश्विक मानकों के अनुसार आपातकालीन निकासी योजना
- पर्याप्त पार्किंग और ड्रॉप-ऑफ ज़ोन
इन कमियों के कारण स्टेडियम को बड़े आयोजनों के लिए असुरक्षित बताया गया है।
अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश
रिपोर्ट में कई अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिनमें शामिल हैं:
- KSCA अध्यक्ष रघुराम भट
- पूर्व सचिव ए. शंकर और पूर्व कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम (दोनों पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं)
- RCB उपाध्यक्ष राजेश मेनन
- डीएनए एंटरटेनमेंट के एमडी टी. वेंकट वर्धन और वीपी सुनील माथुर
इसके अलावा, कई पुलिस अधिकारियों को भी दोषी ठहराया गया है, जिनमें बी. दयानंद, विकास कुमार, शेखर एच.टी., सी. बालकृष्ण और ए.के. गिरीश शामिल हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले ही इन सभी को उनके पदों से हटा चुके हैं।