यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को आधार-आधारित प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग की अनुमति दे दी है। इसके तहत स्टारलिंक अब भारत में अपने ग्राहकों के सत्यापन के लिए आधार ई-केवाईसी का इस्तेमाल कर सकेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। मंत्रालय ने बताया कि ग्राहक ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया अब कागजरहित, त्वरित और KYC मानकों के अनुरूप होगी, जिससे सेवा का लाभ उठाना अधिक सुरक्षित और सुगम होगा।
स्टारलिंक को UIDAI ने Sub-Authentication User Agency (Sub-AUA) और Sub-eKYC User Agency (Sub-eKYC UA) के रूप में नामित किया है। यह प्रक्रिया UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार, डिप्टी डायरेक्टर जनरल मनीष भारद्वाज और स्टारलिंक इंडिया के निदेशक पर्निल उर्ध्वरेषे की उपस्थिति में संपन्न हुई।
आधार ई-केवाईसी से सेवा में तेजी और पारदर्शिता
मंत्रालय ने कहा कि भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली और वैश्विक सैटेलाइट प्रौद्योगिकी के बीच यह “सशक्त तालमेल” है, जो देशभर में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आधार को दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल पहचान प्रणालियों में से एक बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि इससे ग्राहक सत्यापन की प्रक्रिया तेज़, सुगम और नियमों के अनुकूल होगी।
UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार प्रमाणीकरण पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगा और वर्तमान नियमों के अनुसार ही लागू किया जाएगा।
भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में आधार की अहम भूमिका
प्रेस विज्ञप्ति में आधार को भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढांचे की रीढ़ बताया गया है, जिसने जीवन को आसान बनाने और व्यवसायों को सुगमता से संचालित करने में अहम भूमिका निभाई है।
मंत्रालय ने कहा, “एक वैश्विक सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाता द्वारा आधार प्रमाणीकरण का उपयोग भारत के डिजिटल ढांचे की विश्वसनीयता और विस्तार क्षमता को दर्शाता है।”
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि “आधार पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सेवा वितरण में नवाचार को संभव बनाता है।”
स्टारलिंक की यह पहल विशेष रूप से दूरदराज़ और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार के प्रयासों को बल देगी, जहां आधार आधारित पहचान सत्यापन एक अहम सहायक भूमिका निभाएगा।