जहां एक ओर पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे से देश की सियासत में हलचल तेज़ है, वहीं सोशल मीडिया पर एक और अफ़वाह ने ज़ोर पकड़ लिया है। कई पोस्ट्स और ग्राफ़िक्स में दावा किया जा रहा है कि धनखड़ का आधिकारिक कार्यालय सील कर दिया गया है और उन्हें तत्काल आवास खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन अब PIB फैक्ट चेक ने इन सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
क्या वायरल हो रहा है?
सोशल मीडिया पर कुछ ग्राफिक्स और व्हाट्सएप फॉरवर्ड्स में दावा किया गया कि जगदीप धनखड़ को इस्तीफे के तुरंत बाद उनके सरकारी आवास से बेदखल कर दिया गया और उनका दफ़्तर भी सरकारी आदेश पर सील कर दिया गया। कुछ पोस्ट्स ने तो प्रतिष्ठित चैनलों के नाम और लोगो का इस्तेमाल कर इस झूठ को असली न्यूज़ की तरह परोसा।
PIB ने क्या कहा?
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने 23 जुलाई को स्पष्ट किया कि ये सभी दावे पूरी तरह फर्ज़ी हैं। PIB ने लिखा:
“यह दावा कि उपराष्ट्रपति का कार्यालय सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति को तत्काल घर खाली करने को कहा गया है, पूरी तरह गलत है। अफवाहों पर भरोसा न करें। किसी भी खबर को साझा करने से पहले उसे आधिकारिक स्रोतों से ज़रूर जांचें।”
सच्चाई क्या है?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से पद त्यागने की सूचना दी। अगले दिन, राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इस्तीफे को लेकर कोई विवाद या ज़बरदस्ती खाली कराने जैसी स्थिति नहीं है।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा:
“जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके दफ़्तर को सील करने और आवास खाली कराने की खबरें पूरी तरह निराधार और झूठी हैं। PIB ने खुद इन्हें फर्जी करार दिया है। ऐसी किसी भी वायरल जानकारी को शेयर करने से पहले सरकारी और विश्वसनीय स्रोतों से उसकी पुष्टि ज़रूर करें।